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वेब कास्टिंग को लेकर कांग्रेस की आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि मतगणना के समय वेबकास्टिंग नहीं होगी और न ही मतगणना हाल में वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग किया जाएगा. सिर्फ सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी.
कांग्रेस ने आयोग से मांग की थी कि वेबकास्टिंग प्रक्रिया में जियो की जगह बीएसएनएल नेटवर्क का उपयोग किया जाए. कांग्रेस का कहना था कि भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश का जब अपना डोमेन है तो आयोग ने मतगणना की जानकारी देने का काम निजी कंपनी को क्यों दिया. इस कंपनी ने अलग से अपना डोमेन रजिस्टर्ड क्यों करवाया.
कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल निर्वाचन सदन पहुंचा था और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) मध्यप्रदेश को आपत्ति दर्ज कराई. पहले तो सीईओ ने कांग्रेस की इस आपत्ति को खारिज कर दिया, लेकिन बाद में विवाद की स्थिति बनते देख इस मामले में चुनाव आयोग से मार्गदर्शन मांगा था और रविवार देर रात वेबकास्टिंग न कराने का निर्णय लिया.
मतगणना के संबंध में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र के मतों की गणना के लिए 14 टेबल लगाई जाएंगी. राजधानी भोपाल की सभी विधानसभा सीटों पर मतगणना के संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सुदाम खाडे ने मतगणना स्थल पुरानी जेल में व्यवस्थाओं की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने आवश्यक निर्देश भी दिए.
इंदौर जिले में मतगणना स्थल में नौ विधानसभा क्षेत्रों के अभ्यर्थियों और अभिकर्ताओं के प्रवेश के लिए जिला प्रशासन द्वारा अलग-अलग रंगों के प्रवेश पत्र जारी किए जा रहे हैं. मतगणना के लिए समूचे प्रदेश में मतगणना स्थलों के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. अनाधिकृत लोगों का मतगणना स्थल पर प्रवेश वर्जित रहेगा.
मतगणना स्थलों की ओर का यातायात भी परिवर्तित किया जाएगा. प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान के साथ ही सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया था. प्रदेश में कुल पांच करोड़ चार लाख 95 हजार 251 मतदाता हैं. इस बार 2899 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे. राज्य में कुल 75.05 फीसदी मतदान हुआ था.
चुनाव में बुधनी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, चुरहट से नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, भोजपुर से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और मंत्री सुरेंद्र पटवा, खुरई से मंत्री भूपेंद्र सिंह, रहली से गोपाल भार्गव, दमोह से जयंत मलैया, भोपाल दक्षिण-पश्चिम से उमाशंकर गुप्ता, सिलवानी से रामपाल सिंह समेत भारतीय जनता पार्टी से कांग्रेस में गए सरताज सिंह की होशंगाबाद सीट से प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. इसके अलावा वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मशानी के परिणाम पर भी नजरें टिकी रहेंगी.


चुनाव आयोग ने जारी किए अहम निर्देश

चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक सभी निर्वाचन अधिकारी और पर्यवेक्षकों को प्रत्येक राउंड के परिणाम घोषित करने होंगे और प्रत्याशियों या उनके एजेंटों को प्रमाण पत्र देने होंगे। इसके बाद ही दूसरे राउंड की गिनती शुरू की जा सकेगी। इस पूरी प्रक्रिया की वजह से माना जा रहा है कि नतीजे आने में देरी हो सकती है। मध्य प्रदेश में 11 दिसंबर को वोटों की गिनती से पहले कांग्रेस पार्टी ने मतगणना में धांधली की आशंका जताते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। इसमें पार्टी की ओर से मांग की गई थी कि वोटों की काउंटिंग में खास सावधानी बरती जाए और प्रत्येक राउंड का रिजल्ट सार्वजनिक किया जाए, इसके बाद ही अगले राउंड की गिनती कराई जाए।




कांग्रेस पार्टी ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपा था ज्ञापन

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चुनाव नतीजे आने में हो सकती है कुछ देरी
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पांच राज्यों में किसकी बनेगी सरकार, सभी को नतीजों का इंतजार
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मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कांग्रेस की मांग की जानकारी भारतीय निर्वाचन आयोग को भेजा। जिसके बाद चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इस बार मतगणना की स्थायी प्रक्रिया का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक इस बार वोटों की काउंटिंग के समय कोई वेबकास्टिंग नहीं होगी और न ही मतगणना हॉल में वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग होगा। सिर्फ सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी।
बताया जा रहा कि इस प्रक्रिया को केवल मध्य प्रदेश में ही लागू नहीं किया जाएगा बल्कि छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में भी अपनाया जाएगा। इस संबंध में इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया ने शनिवार को ही आदेश जारी कर दिया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों की ओर से ईवीएम पर सवाल उठाए थे, जिन पर चुनाव आयोग ने यह अहम फैसला लिया है। बता दें कि इस बार मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसे में प्रत्येक राउंड में वोटों की गिनती और परिणाम को लेकर अगर कोई शिकायत होती है तो उन्हें दूर करने में समय लग सकता है। ऐसे में ये माना जा रहा कि चुनाव नतीजों में देरी हो सकती है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार 11 दिसंबर को सामने आएंगे। चुनाव आयोग ने वोटों के काउंटिंग की तैयारी पूरी कर ली है। मतगणना में सबसे पहले 8 बजे से डाक मतपत्रों की गणना शुरू होगी। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की कंट्रोल यूनिट से मतगणना शुरू की जाएगी। इस बार हर राउंड की मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे जिसके बाद उम्मीदवारों को परिणामों की प्रति भी दी जाएगी।

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